Lok Sabha elections 2025 and Organization and Members, Objective and importance in details:-

Lok sabha

.लोकसभा क्या है?:-

Lok sabha हमारे भारत में अनुच्छेद 79 से 122 तक सांसद संविधान बनाए गए हैं। यह राष्ट्रपति और दो सदनों को समन्वय करके बनता है। ‌ लोकसभा तथा संसद का निचला सदन इन्हें अपनी विशेष शक्तियां सरकार द्वारा पहले से ही प्राप्त है। “लोकसभा” को शाब्दिक अर्थ में विस्तार में “जनता का सदन” कहते हैं। freshnews18.com

और इस सदन के पद को देश की जनता द्वारा चुनाव करके एक सक्षम सदस्य को चुना जाता है। जो हमारे देश की भलाई करें और हमारे देश को आगे बढ़ाएं। यह भारत के सभी नागरिक मिलकर वोटिंग करके उनको यह अधिकार देते हैं। लोकसभा का अध्यक्ष को मैडम स्पीकर के नाम से बुलाया जाता है।

और लोकसभा के अध्यक्ष का कार्यकाल 5 साल का होता है। यह राष्ट्रीय लोकसभा हमारे भारत का केवल संविधान या विधायी संस्था नहीं बल्कि भारत का लोकतंत्र भारत का हृदय है। इस पद को पाने के लिए 25 वर्ष से अधिक की उम्र होनी चाहिए।

.लोकसभा के उद्देश्य:-

Screenshot 1391

Lok sabha हमारे राष्ट्र लोकतांत्रिक का मूल आधारित है इसका उद्देश्य स्पष्ट जनता के नागरिकों के सामने रखा जाता है। इसके उद्देश्य निम्न प्रकार के हैं:-

  • लोकतंत्र जनता का प्रतिनिधित्व करके इसका उद्देश्य जनता की इच्छाओं और मांग का प्रतिनिधित्व करना है क्योंकि इसके उम्मीदवार प्रत्यक्ष चुनाव से चयन किय जाते हैं, इसीलिए यह साधारण तथा व्यवस्थित जनता की आवाज है।
  • लोकसभा का विशेष उद्देश्य नए नियमों को बनाना और पुराने नियमों में संशोधन करना है, लोकसभा ऐसे कानून को लाती है जो जनता के हित में हो, यही नियम सदन के देश की राजनीतियों की दिशा निश्चित करती है।
  • लोकसभा देश की वित्तीय नियंत्रण भी करती है, लोकसभा वित्तीय विधेयक में इनकम टैक्स बल और बजट को नियंत्रित करती है। देश के कानून के अनुसार वित्तीय विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत कर सकते हैं। इसका लक्ष्य सरकार के आय-व्यय पर संतुलन रखना है और जनता के धन को उपयुक्त स्थान पर खर्च कराना है।
  • हमारे राष्ट्र की कार्यपालिका पर नियंत्रण लोकसभा करती है, इसे लोकसभा सरकार ही जवाब देह बनती है। प्रश्नकाल, शून्यकाल और अविश्वास प्रस्तुति के जारीए यह निश्चित करती है तथा जनता के प्रति उत्तरदायित्व पेश होती है।
  • लोकसभा का उद्देश्य लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना भी है तथा इसकी जड़ों को मजबूत बनाना और जनता की हिस्सेदारी निश्चित करना है। हमारे राष्ट्र का सबसे लोकप्रिय स्लोगन “जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता की सरकार” आदर्श बना हुआ है।
  • संविधान लोकसभा में जनता के गंभीर मुद्दों को उठाकर उनका समाधान निकालने का मध्यम है। यह लोकसभा शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार और विकास योजना को आगे बढ़ाने का कार्य करके जनहित की रक्षा करती है।

.लोकसभा का संगठन एवं सदस्य:-

Screenshot 1397

Lok sabha का निर्माण 17 अप्रैल 1952 में हुआ था जब राष्ट्र में पहली बार स्वतंत्रता के बाद आम चुनाव पूरा हुआ था। हमारे भारतीय राष्ट्र के संविधान अनुसार लोकसभा ज्यादातर 552 सदस्य हो सकते हैं

और जिसमें 530 राज्य प्रतिनिधित्व, 20 केंद्र शासित प्रदेश प्रतिनिधित्व तथा 2 राष्ट्रपति द्वारा नामांकित होते हैं। परंतु हमारे देश में 104 वें संविधान संशोधन 2020 के पश्चात एंग्लो इंडियन संगठन का नामांकन नियम खत्म हो चुका है।

.लोकसभा के द्वारा इनकम टैक्स नई रणनीति:-

Lok sabha भारत देश में जनता द्वारा भरे जाने वाले टैक्स की नई रण-नीतियां लाई गई है। 2025 में यह बिल पहले 13 फरवरी 2025 को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था| इसे एक चयन कमेटी को भेजा गया था। उस कमेटी ने 21 जुलाई 2025 को अपने संगठन द्वारा रिपोर्ट को प्रस्तुत किया था।

उसके पश्चात 8 अगस्त 2025 को यह बिल वापस कर दिया गया। तथा 11 अगस्त 2025 को इसका संशोधित रूप इनकम टैक्स बिल NO. 2 वर्ष 2025 लोकसभा में प्रस्तुत हुआ और यह प्रस्तुति उत्तीर्ण हो गई। फिर यह 12 अगस्त 2025 को इससे राज्यसभा में भी पास कर दिया गया। इस बिल को पेश करने का अधिकार सिर्फ वित्त मंत्री के पास होता है।

.लोकसभा के मुख्य कार्य:-

Lok sabha द्वारा बिल No. 2 में कई प्रकार के बिल, नियम और बजट में कई बदलाव लाए गए हैं। इसमें मुख्य पुराने कानून को बदलकर जिसमें 800+ धाराएं थी उन्हें घटकर 536 धाराओं को मान्यता दी गई है। इस बिल में अध्याय और अनुसूची में भी बदलाव किया गया है अब कानून 23 अध्याय और 16 अनुसूचियां में बंटा हुआ है।

और इसमें फेसलेस असेसमेंट में टैक्स देने की प्रक्रिया को ऑनलाइन और ट्रांसपेरेंट बनाया गया है। हमारे भारत में टैक्स देने में भारी छूट दी गई है, इसमें नई व्यवस्था ₹12 लाख वार्षिक आय पर टैक्स देने की आवश्यकता नहीं होगी। देश की प्रगति के लिए नए स्लैब भी लाए गए हैं। रिफंड की समय सीमा खत्म हो जाने पर कोई जुर्माना देना नहीं होगा।

और संपत्ति मूल्यांकन में रियल एस्टेट और अन्य संपत्ति लेन-देन पारदर्शी होंगे। धार्मिक ट्रस्ट पर नियंत्रण किया गया है जिससे काले धन और आतंकवाद में भ्रष्टाचार को रोका जा सके। पहले टैक्स “प्रीवियस ईयर” और “असेसमेंट ईयर” में लिया जाता था जिससे कई कठिनाई होती थी लेकिन अब इसे “टैक्स ईयर” में दिया जाएगा। पेंशन में सुधार आई है जिससे 60% राशि का टैक्स नहीं देना होगा। डिजिटल संपत्ति पर नियंत्रण किया गया है जिससे टैक्स चोरी पर रोक लगाया गया है।

.लोकसभा के महत्व एवं उसके प्रभाव:-

Screenshot 1396

Lok sabha ने यह नए बिल लाकर हमारे देश में काफी बड़ा बदलाव लाया है जिससे बहुत से मध्यम वर्गीय परिवारों को शांति मिली है। 12 लाख वार्षिक आय होने पर टैक्स देने की आवश्यकता नहीं है, जिससे नागरिकों की बचत और कार्य शक्ति बढ़ेगी नए बिल में कई धाराओं को हटा दिया गया है, जिस प्रक्रिया सरल तेज और भ्रष्टाचार मुक्त हो गई है।

और राजस्व में स्थिरता होने के कारण बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास योजनाओं के लिए अधिक राशि प्राप्त करवाई जाएगी। निवेश को प्रोत्साहन से उद्योगों का उन्नत, रोजगार के मौके और आ‌र्थिक प्रगतिशील होगी डिजिटल युग का अनुकूलन में वर्चुअल एसेट्स, क्रिप्टोकरेंसी और ऑनलाइन प्रक्रियाओं होगी जिससे अधिक धनराशि देने की भ्रष्टाचार समस्या नहीं होगी।

.Conclusion:-

Screenshot 1393

Lok sabha ने इस नए बिल को लागू करके हमारे देश को उन्नत करने की कोशिश की है, जिससे हमारी आय में बढ़ोतरी हो सके। मध्यम वर्गीय परिवार वर्तमान समय में आसानी से राहत में अपना जीवन जी सके।

और ऑनलाइन प्रक्रिया होने की वजह से अब किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं मिलेगा। धाराओं को घटाकर अधिक कायदे कानून को फॉलो नहीं करना पड़ेगा।breakingnewsdaily.com

also read:-

SSC MTS क्या होता है? और SSC MTS का एग्जाम कैसे देते है? exam pattern कैसा आता है? जाने पूरी Important जानकारी-

vivo v60 Pro 5G Under RS-₹36000 best phone

Share:

WhatsApp
Telegram
Facebook
Twitter
LinkedIn