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.Introduction:-
Diwali एक पवित्रक त्योहार है और यहां पर मनाए जाने वाले फेस्टिवल्स धार्मिक मान्यताओं कृषि व राष्ट्रीय विषयो पर आधारित है और यह दीवाली कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है।
दीपावाली शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है दीप अवलि अर्थात दीपो के पंक्तियों या कतार इस festival के मनाए जाने के पीछे कई कथाएं पर्यचलित है इसमें से एक यह है कि कार्तिक मास की अमावस्या को भगवान श्री राम को राजा बनाने की खुशी में अयोध्यावासी बहुत खुश हुए इसी खुशी में उन्होंने घी के दीपक जलाए इसी की याद में प्रतिवर्ष यह फेस्टिवल मनाया जाता है।
.दीवाली 2025 की तिथि?
Diwali को दीपो का फेस्टीवल कहा जाता है दीपावली को 2025 में आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार कार्तिक कृष्णपक्ष त्रियोदशी तिथि 18 अक्टूबर से दीप उत्सव शुरू हो जाएगा त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर की दोपहर 1.22 बजे लगभग 19 अक्टूबर की दोपहर 1.55 बजे तक रहेगी मुख्य रूप से इस साल 20 अक्टूबर को है।
दीपावाली मनाई जाएगी इस वर्ष अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 21 अक्टुबर की रात 9 बज कर 3 मिनट पर होगी ।।
.दीपावली क्यों मानते है ?

भगवान राम का अयोध्या आगमन: १४ साल के वनवास के बाद जब भगवान राम, सीता और लक्ष्मण अयोध्या लौटे थे, तब उनके स्वागत में लोगों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।
और तभी से दीपावली मनाने की परंपरा शुरू इस दिन लोगों दीप जलते है खुशियां मानते है और बहुत सारी शुभकामनाएं लोगो को देते है इस दिन लोग अपने घर में मां लक्ष्मी और गणेश भगवान के पूजा करते है ।
.20 अक्टूबर को दीपावली मनाए जाने का क्या वजह है ?
Diwali त्योहार देशभर में पूरे हर्षोल्लास के साथ सभी मनाते हैं. रोशनी के इस त्योहार का इंतजार हर किसी को बेसब्री से रहता है. हिंदू धर्म में दीपावली के पर्व का विशेष महत्व है ।
और इस साल कार्तिक अमावस्या तिथि दो दिन रहने की वजह से दिवाली की तारीख को लेकर लगातार कन्फ्यूजन बना हुआ था लेकिन देश के कई बड़े ज्योतिषियों ने इस परेशानी को दूर कर दिया है। यहां हम आपको दिवाली सहित धनतेरस, छोटी दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज है ।
18 अक्टूबर 2025, शनिवार को धनतेरस
19 अक्टूबर 2025, रविवार छोटी दिवाली
20 अक्टूबर 2025, सोमवार दिवाली
22 अक्टूबर 2025, बुधवार गोवर्धन पूजा
23 अक्टूबर 2025, गुरुवार को भाईदूज मनाया जाएगा
.दीपावाली 2025 का शुभ मुहूर्त क्या है ?

आइए जानते है देश के सबसे बड़े पर्व में Diwali को भी शामिल किया गया है इसका शुभ मुहूर्त लिए शुभ समय संध्याकाल 07 बजकर 08 मिनट से लेकर 08 बजकर 18 मिनट तक है ।
और वहीं, प्रदोष काल में पूजा के लिए शुभ समय 05 बजकर 46 मिनट से लेकर 08 बजकर 18 मिनट तक है। जबकि, वृषभ काल शाम 07 बजकर 08 मिनट से लेकर 09 बजकर 03 मिनट तक है ।
.Conclusion:-

Diwali शरद ऋतु में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक पौराणिक उत्सव है। यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है ।
और आध्यात्मिक रूप से यह ‘अन्धकार पर प्रकाश की विजय’ को दर्शाता है। इसको लोगों हे मस्ती से मनाते है इसको बुराई पर अच्छाई के जीत भी कहते है ।
और इस दिन भारत का हर घर उजाले से जगभगा उठता है दीपावली हर फेस्टीवल में से सबसे अच्छा फेस्टीवल है लक्ष्मी माता प्रकाश, धन और सौंदर्य की देवी हैं। लोग इनकी पूजा उपासना करते है और माता रानी से धन कल्याण सुख के कामना करते है ।Breakingnewsdaily.com




